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संजय सिंह के घर ED ने मारी रेड, जानें क्या है एक्शन के पीछे की वजह



प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी (आप) सांसद संजय सिंह के यहां छापेमारी की. राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने खुद इसकी जानकारी दी. छापेमारी की शुरुआत सुबह सात बजे से हुई. संजय सिंह के अलावा उनके स्टाफ सदस्यों और उनसे जुड़े कुछ अन्य लोगों के यहां भी ईडी अधिकारियों ने पूछताछ की है. आप का कहना है कि ये कार्रवाई बदले की भावना से की जा रही है. 

दरअसल, दिल्ली में शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए 2021-22 में शराब नीति लेकर आई गई. आरोप है कि इस नीति ने गुटबंदी को बढ़ावा देते हुए कुछ शराब व्यापारियों को लाभ पहुंचाया. सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है और फिलहाल इस नीति को रद्द कर दिया गया है. ऐसे में अब सवाल उठता है कि आखिर संजय सिंह पर कार्रवाई क्यों की गई. किस आधार पर ईडी ने बुधवार को आप सांसद के घर पर छापा मारा? आइए इस बारे में जानते हैं.

ईडी ने क्यों संजय सिंह पर कार्रवाई की? 

प्रवर्तन निदेशालय के जरिए दायर की गई चार्जशीट में तीन जगह संजय सिंह का नाम शामिल रहा है. इस बात को ईडी की तरफ से पहले ही स्पष्ट कर दिया गया था. ईडी सूत्रों ने बताया कि शराब नीति घोटाले में दो आरोपी गवाह बनाए गए हैं. इसमें से एक राघव मगुंटा हैं, जो मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी हैं. राघव मगुंटा YSR कांग्रेस के सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी के बेटे हैं. अदालत ने दिनेश अरोड़ा को भी सरकारी गवाह बनाने की इजाजत दी थी. 

इन दोनों सरकारी गवाहों के बयानों के आधार पर ही ईडी ने बुधवार को संजय सिंह के घर पर छापेमारी की. इससे पहले अरबिंदो फार्मा के निदेशक शरद रेड्डी दिल्ली शराब नीति मामले में सरकारी गवाह बन चुके हैं. कुल मिलाकर इस मामले में तीन लोग सरकारी गवाह बन चुके हैं. इस केस में फिलहाल राघव मगुंटा और दिनेश अरोड़ा जमानत पर हैं. 

चार्जशीट में नाम आने पर क्या बोले थे संजय सिंह? 

दरअसल, इस साल जनवरी के महीने में जब ईडी ने चार्जशीट दायर की, तो उस वक्त संजय सिंह का नाम भी इसमें जोड़ा गया. संजय सिंह ने इस पर नाराजगी जताई थी. मई के महीने में उन्होंने यहां तक दावा किया कि ईडी की तरफ से गलती से उनका नाम जोड़ा गया है. उन्होंने किसी और संजय सिंह के आरोपी होने की बात कही. आप सांसद के इस दावे पर ईडी ने बयान जारी कर कहा कि हमने चार्जशीट में चार जगह संजय सिंह का नाम लिखा है. ये जरूर हो सकता है कि एक जगह टाइपिंग की गलती हो गई हो. 

शराब घोटाले में कैसे फंसे संजय सिंह?

संजय सिंह का नाम ED की चार्जशीट में दर्ज है. वहीं, सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक 1 अक्टूबर 2022 को सरकारी गवाह बने दिनेश अरोड़ा ने जांच एजेंसी के सामने संजय सिंह की भूमिका को लेकर बताया कि मेरे (दिनेश अरोड़ा) रेस्टोरेंट अनप्लग्ड कोर्टयार्ड की एक पार्टी में संजय सिंह के जरिए मेरी मुलाकात मनीष सिसोदिया से हुई थी. उन्होंने बताया कि संजय सिंह के कहने पर मैंने चेक के जरिए कई रेस्टोरेंट के मालिकों से बात की और दिल्ली असेंबली इलेक्शन के चलते पार्टी फंड के लिए 82 लाख रुपये इकठ्ठा किए. ये पैसा मनीष सिसोदिया को दिया गया था. 

दिनेश अरोड़ा ने यह भी बताया कि अमित अरोड़ा जो की सार्थक फ्लेक्स के रिटेल लाइसेंस होल्डर है, उसने पीतमपुरा स्थित अपनी शराब की दुकान को ओखला इलाके में ट्रांसफर कराने में मदद मांगी. ये मामला एक्साइज डिपार्टमेंट के पास पेंडिंग था. दिनेश अरोड़ा के मुताबिक उसने यह मामला मनीष सिसोदिया के सामने रखा और फिर संजय सिंह के दखल देने के बाद मामला एक्साइज डिपार्टमेंट से सुलझ गया. दिनेश अरोड़ा ने अपने बयान में बताया कि उसकी मनीष सिसोदिया से 5 से 6 बार बात हुई थी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पर भी संजय सिंह के साथ सीएम संग मुलाकात हुई.

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