Top News : मुख्य न्यायमूर्ती डी वाय चंद्रचूर्ण के खंडपीठ ने बताया, घटना कलम 19 और 22 मे पोलीस प्रशासन और प्रशासकीय अधिकारी को पत्रकार को सवाल पुछने का अधिकार नही है l जब की सर्वोच्च न्यायालय के नुसार पत्रकार को स्वतंत्र पूर्वक अपनी भूमिका निर्वाहन करणे का पुरा अधिकार है l आजकल पोलीस अधिकारीओ द्वारा पत्रकारो के विरुद्ध छबि बिघाडने के लिये अपनी छबि को अच्छा प्रदर्शित करने के लिए पत्रकारोको ही दोषी ठहराते है l उपरोक्त संदर्भ मे सर्वोच्च न्यायालयाने पोलीस अधिकारीयों को निर्देशित किया है की पत्रकारो के विरुद्ध कोई भी कठोर कार्यवाही नही की जा सकते l ऐसा करने से न्यायालय की अवमानना होगी l जबकी पुलिस भ्रष्टाचार माफिया संघटन को अपराध को उजागर न होने के लिए पत्रकार को प्रताडीत करते है अभी अभी छत्तीसगड मे महादेव Aaps घोटाला प्रकरण बाहर निकलने के बाद छत्तीसगड के पोलीस द्वारा भोपाल की महिला पत्रकार को गिरफ्तार करने के लिए प्रयास किया गया जो की निंदनीय है l जप की महिला पत्रकार ने उच्च न्यायालय मे याचिका दायर कि और सर्वोच्च न्यायालय ने मार्गदर्शक तत्व का आधार लेकर पोलीस प्रशासन की विरुद्ध टिप्पणी की और किषिभी पत्रकार को गिरफ्तार नही कर सकते l ऐसा आदेश सर्वोच्च न्यायालयाने आदेश जारी किया l
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