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चंद्रयान के बाद अब ISRO का नया मिशन होगा समुद्रयान,

 


चंद्रययान 3 और आदित्य L1 के बाद अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का नया मिशन होगा समुद्रयान। इस मिशन में एक मानवयुक्त सबमर्सिबल (मत्स्य 6000) का उपयोग करके 6000 मीटर की गहराई तक समुद्र की खोज की जाएगी।

मत्स्य 6000 एक पूरी तरह से स्वदेशी सबमर्सिबल है जिसे IIT मद्रास के इंजीनियरों और वैज्ञानिकों द्वारा विकसित किया गया है। यह सबमर्सिबल टाइटेनियम मिश्र धातु से बना है और यह 600 बार के दबाव का सामना कर सकता है। इसमें तीन लोग बैठ सकते हैं और यह 12 घंटे तक समुद्र की गहराई में रह सकता है।

समुद्रयान मिशन के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

गहरे समुद्र में जैव विविधता का अध्ययन करना।

गहरे समुद्र में दुर्लभ खनिजों की खोज करना।

गहरे समुद्र में प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव का अध्ययन करना।

समुद्रयान मिशन को 2026 में लॉन्च करने की योजना है।


मत्स्य 6000 के बारे में कुछ रोचक तथ्य:


इसका व्यास 2.1 मीटर है।

इसका वजन 20 टन है।

इसमें 360 डिग्री का दृश्य प्रदान करने वाला एक कैमरा है।

इसमें एक सोनार है जो गहरे समुद्र में वस्तुओं को देखने में मदद करता है।

इसमें एक रोबोटिक हाथ है जिसका उपयोग नमूने लेने के लिए किया जा सकता है।

समुद्रयान मिशन भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह भारत को गहरे समुद्र की खोज में एक अग्रणी देश बना देगा।

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